5 स्टेप्स में शुगर की बीमारी का इलाज , डाइबिटीज को जड़ से खत्म करें Ayurvedic Treatment for Diabetes in Hindi,
मधुमेह या शुगर की बीमारी का इलाज को लेकर हमारे मन में बहुत सरे सवाल उठते हैं। ये सारे सवाल उठना स्वाभाविक भी है। क्योंकि अगर इस बीमारी की समय रहते ठीक न किया जाये तो ये एक विकराल रूप ले लेती है। डाइबिटीज सिर्फ एक बीमारी नहीं बल्कि बीमारयों का सिंड्रोम है। इसके कारण गुर्दे, ह्रदय, तंत्रिका तंत्र और आँखों की रौशनी बहुत अधिक प्रभावित होते हैं।
डाइबिटीज बीमारी को लेकर बहुत सारी गलतफहमियां भी हैं। और ये गलतफहमियां इस बीमारी को और अधिक बढ़ने में सहायक होती हैं।
शुगर कि बीमारी से सम्बंधित गलतफहमियां ?
- शुगर की बीमारी का इलाज लाइलाज है
- मधुमेह या शुगर की बीमारी सिर्फ जेनेटिक कारण से होती है
- डाइबिटीज एक मामूली बीमारी है और ये हमारा कुछ नहीं बिगड़ सकती
- इस बीमारी का इलाज केवल और केवल अंग्रेजी या एलोपथिक इलाज है
- एक बार अगर शुगर की बीमारी हो जाये तो वो कभी ठीक नहीं होती
और इन गलतफहमियों के कारण ही हमारे मन में बहुत सारे नकारात्मक विचार आते हैं। जो मरीज को इच्छशक्ति को कमज़ोर करते हैं और बीमारी लाइलाज हो जाती है। तो क्या हम इन सारी गलतफहमियों को अपना लें। और जो हमें प्रकृति ने वरदान दिया है उस पर यकीन करना छोड़ दें ?
डाइबिटीज या शुगर की बीमारी का इलाज को लेकर मरीजों के मन में उठते सवाल
इस लेख में हम निम्नलिखित सवालों के जवाब देंगे। और आपको बताएँगे कि कैसे आप केवल 5 स्टेप में शुगर की बीमारी को जड़ से खत्म करें। ये वो सवाल हैं जो एक शुगर के मरीज के मन में जरूर आते हैं जैसे।
- क्या डाइबिटीज या शुगर कि बीमारी को हराना मुमकिन है ?
- क्या शुगर के मरीज इन्सुलिन से छुटकारा मिल सकता है ?
- क्या आयुर्वेदिक और यूनानी इलाज से शुगर कि बीमारी ठीक हो सकती है ?
- क्या मुझे सारा जीवन इन अंग्रेजी दवाइयों के साथ ही बितान पड़ेगा ?
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मधुमेह या शुगर कि बीमारी क्या है ?
सरल शब्दों में शुगर कि बीमारी का मतलब है। हमारे शरीर में गन्दगी या Toxins का जमा हो जाना। इस गंदगी के बहुत सारे रूप हैं जिनको हम अनदेखा कर देते हैं। प्रकृति का नियम है को अगर आप अच्छा भोजन भी अधिक मात्रा में कहते हैं तो वह विष बन जाता है ।
उसी प्रकार जब आप लगातर अधिक मात्रा में भोजन करते हैं। जिसमे कैलोरीज़ कि मात्रा बहुत अधिक होती है। तो ये आपके शरीर के लिए विष का काम करता है। यही कैलोरीज हमारे शरीर कि कोशिकाओं में शुगर और चिकनाई नामक गंदगी या टॉक्सिन्स के रूप जमा होने लगती है।
जब खून में ग्लूकोस या शुगर कि मात्रा अधिक हो जाती है तो इसको मधुमेह, ब्लड शुगर या डाइबिटीज क इनाम से जानते हैं। शुगर कि बीमारी में मरीज को पेशाब बार बार और अधिक आता है। भूख बहुत ज़्यादा लगती है। प्यास बहुत अधिक लगती है। मरीज को कमज़ोरी महसूस होने लगती है।
ये तो शुरूआती लक्षण होते हैं जो बिमारी बढ़ने के साथ बढ़ते जाते है। उसके साथ साथ ये ह्रदय, गुर्दों, और आँखों को प्रभावित करने लगते है। यहाँ तक कि मरीज को हार्ट अटैक या गुर्दों के फ़ैल होने का दर भी बढ़ जाता है।
ब्लड शुगर की बीमारी के कारण क्या हैं ?
ब्लड शुगर के मुख्य कारणों में आपके खाने पीने कि आदते और जीवन शैली हैं।
जीवन शैली
- व्यायाम न करना
- आरामदायक काम , मेहनत कि कमी
- अधिक समय तक लगातार बैठे रहना
- रात को देर से सोना
खाने पीने कि आदतें
- डब्बा बंद भोजन और खाने कि चीज़ें
- फ़ास्ट फ़ूड का अधिक सेवन
- बहुत अधिक चिकना या वसायुक्त भोजन
- बहुत अधिक मीठा खाना
- रिफाइंड शुगर का अधिक सेवन
- डब्बाबंद जूस, कोल्ड ड्रिंक्स, डब्बाबंद सूप, डब्बाबंद कैचप
- देर रात से भोजन करना
100% डाइबिटीज, मधुमेह या शुगर की बीमारी का इलाज
अब समझते हैं कि किस तरह से हम डाइबिटीज को पूरी तरह से ठीक कर सकते। कैसे इन्सुलिन का इस्तेमाल रोककर भी आप डाइबटीज को कण्ट्रोल रख सकते है। और कैसे आप अंग्रेजी दवाओं कि बिना ही अपनी शुगर कि बीमारों जो जड़ से खत्म कर सकते हैं।
हम यहाँ कुछ ऐसे सरल स्टेप्स कि बात करेंगे जो आपकी बीमारी को 100% ठीक कर देंगे। और आप समझ पायंगे कि कैसे इन 5 स्टेप्स में शुगर की बीमारी को जड़ से खत्म करें।
जैसे हमने बात कि थी कि शरीर में गंदगी जमा होने का दूसरा नाम है डाइबिटीज। इसका बहुत ही सरल उपाय है। और शुगर कि बीमारी को ठीक करने काप्रकिर्तिक फार्मूला है ।
गन्दगी हटाओ और डाइबिटीज भगाओ
अगर आप अपने शरीर को इस गंदगी से साफ़ कर लेते हैं तो डायबिटीज खत्म हो जाएगी। आपका डाइबिटीज या शुगर कम हो जाएगा तो आपकी दवाइयां जो आप शुगर को कण्ट्रोल करने के लिए खाते हैं वो भी बंद हो सकती हैं।
आपके डॉक्टर के चक्कर भी काम हो जायेंगे और तमाम अंग्रेजो दवाइयों के साइड इफेक्ट्स से भी छुटकार मिल जायेगा।
जानिए कैसे 5 स्टेप्स में शुगर कि बीमारी को जड़ से खत्म करें
हम आगे इस लेख में उन 5 स्टेप्स के बारे में बात करेंगे. जिनको आप अपनी दिनचर्या में शामिल करके इस बीमारी को पूरी तरह से ठीक कर सकते हैं। बस सिर्फ आपको अपनी इच्छा शक्ति को मज़बूत करना है। सिर्फ 15 दिनों में आपको इसका परिणाम दिखना शुरू हो जायेगा।
पहले 3 महीने अगर आपने इन 5 नियमों को मजबूती से पकडे रखा तो 100% आप बिना कोई दवाई खाये, अपने शुगर को पूरी तरह से ठीक कर पाएंगे।
1. आयुर्वेदिक ओषधि के रूप में इन्सुलिन पौधे (Insulin Plant) का प्रयोग करें
इन्सुलिन पौधा एक बहुत ही कारगर बूटी है जिसके प्रयोग से ब्लड शुगर कम हो जाता है। आप अपनी अंग्रेजी दवाई के साथ इस पौधे की एक एक हरी पत्ती सुबह शाम भोजन के साथ खाएं। या इसका पाउडर 1-1 चम्मच सुबह शाम भोजन के साथ खाएं। इससे ब्लड शुगर को कम करने में काफी मदद मिलेगी।
कृपया धान रखे – जब आप इन्सुलिन पौधे को प्रयोग कर रहे हों तो अपना ब्लड शुगर नियमानुसार जांचते रहें। क्योंकि जब आप अंग्रेजी दवाई के साथ इन्सुलिन पौधा इस्तेमाल करते हैं तो ब्लड शुगर बहुत तेजी से घटता है।
धीरे धीरे आप अपनी अंग्रेजी दवाई ब्लड शुगर की रिपोर्ट और HBA1C की रिपोर्ट के आधार पर काम कर सकते हैं। इन्सुलिन पढ़े के लगातार इस्तेमाल से इन्सुलिन इंजेक्शन की खुराक भी काम हो सकती या उसको एंड भी किया जा सकता है।
ये एक मरीज से दुसरे मरीज में भिन्न हो सकता है इसलिए आप डॉक्टर की देख रेख में ही इन्सुलिन पौधे का प्रयोग करें। इसको आप तब तक प्रयोग करें जब तक आपका ब्लड शुगर लेवल बिना अंग्रेजी दवाई के नार्मल न हो जाये।
फिर इसको आप लगातार रयोग कर सकते है और जॉब आप आगे आने वाले नियम करें तो भी अपने शुगर को चेक करते रहे। बाकि नियम करने से आपका शुगर ठीक होगा और धीरे धीरे आप को इन्सुलिन पौधे का प्रयोग भो रोकना होगा।
इन्सुलिन पौधे को आप अपने बगीचे में भी आसानी से उगा सकते है।
2. इंटरमिटेंट फास्टिंग (16 घंटे उपवास) नियम
हमारी दिनचर्या और जीवन शैली उस तरह कि है कि हम लगातार खाते रहते हैं। बिना भूख के भी हम खाने से बाज नहीं आते। हमारी जीभ के स्वाद कलिकाएं हमारे ऊपर हावी रहती हैं और हम अपने शरीर में गंदगी भरते चले जाते हैं। और हमारे शरीर का पाचन तंत्र लगातार काम करता रहता है।
क्योंकि जो कुछ भी हम कहते हैं वो पाचन किर्या के बाद ग्लूकोस यानि शुगर में बदल जाता है। जितना अधिक खाना उतनी अधिक शरीर के अंदर शुगर या गंदगी।
लेकिन अगर हमें इस गंदगी को निकलना हो तो शरीर कि सफाई या क्लीनिंग बहुत ज़रूरी है। जिस प्रकार अगर किसी रोड के गढ्ढों को ठीक करना होता है तो हमें रोड पर चलने वाले वाहनों को कुछ देर के लिए रोकना पड़ता है।
उसी प्रकार शरीर कि सफाई के लिए हमें हमें लगातार चल रहे पाचन किर्या के काम को रोकना होगा। और हम शरीर को रिपेयर करके खून में में भरी गंदगी या शुगर को आसानी से बहार निकाल सकते हैं और आगे भी इस गंदगी को शरीर में जमा होने से रोक सकते हैं।
जिस दिन ये गंदगी पके शरीर और खून में जमना बंद हो जाएगी उस दिन आप मन लेना कि अब आपकी सारी दवाइयां बंद होने वाली हैं।
आपको इसके के लिए करना क्या है ?
यूनानी मेडिसिन, आयुर्वेदा और नेचुरल थेरेपी के नियमानुसार फास्टिंग या उपवास शरीर से गंदगी (Toxins) को बाहर निकलने के लिए सबसे बेहतरीन दवाई है।
16 घंटे उपवास के लिए आप अपने हिसाब से नियम बना सकते हैं। आपको धायण ये रखना है कि आप 8 घंटे के समय में ही खा सकते हैं। और बाकि 16 घंटों में बिलकुल भी नहीं खा सकते। ये ब्लड शुगर को कण्ट्रोल करने और उसको ठीक करने का सबसे अच्छा तरीका है।
नियम नंबर 1
रात 7 बजे डिनर करें और फिर सुबह 11 बजे तक कुछ भी न खाएं। 11 बजे से रात 7 बजे तक आप अपना नार्मल भोजन कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें मीठा, मीठे फल, जूस इत्यादि इस्तेमाल न करें।
नियम नंबर 2
सुबह 7 बजे पेट भर कर खाएं और रात 11 बजे तक कुछ भी न खाएं । रात 11 बजे डिनर करें जो नियमनुसार ठीक नहीं है। लेकिन अगर आपका काम या नौकरी इस तरह कि है कि आप देर रात ही खाना खाते हैं तो आप के लिए ये नियम उपयोगी है।
नियम नंबर 3
अगर आपको भूख का अहसास हो तो सुबह 7-8 बजे (नियम १)। या शाम 7-8 बजे (नियम २)। आप घीया या सफ़ेद पेठा (छिलका उतार कर) या खीरा का जूस और उसमे 2 पत्ते बेल पत्थर पेड़ के मिला कर डेटॉक्स तैयार करें और रोज़ाना पियें। आप किसी दिन घीया किसी दिन खीरा, या किसी दिन पेठा कुछ भी उसे कर सकते हैं। लेकिन बेल पत्र के पत्ते डालना न भूले।
नियम नंबर 4
16 घंटे फास्टिंग के नियम को काम से काम लगातार 30 दिन करें। फिर एक हफ्ता अंतराल देकर 30 दिन करें और फिर इसी तरह और 30 दिन। कुल मिलकर आपको 90 दिन 16 घंटे फास्टिंग करनी है। उसके बाद आप अपने हिसाब से दिन काम ज़्यादा कर सकते हैं। जब आपका शुगर एक बार कंट्रोल हो जाये तब।
नियम नंबर 5
अगर आपको 16 घंटे के उपवास के दौरान बहुत अधिक कमज़ोरी या चक्कर आने लगें तो आप पाने साथ गुड़ रखें। और ऐसा महसूस होने पर थोड़ा सा गुड़ खा लें। या कोई मीठा फल या जूस ले लें। ऐसा शुरू के दो हफ़्तों में होने का चान्सेस होते हैं तो इस बात का भी ध्यान रखें।
16 घंटे उपवास के फायदे
- शरीर में ग्लूकोस कम इकठा होता है ।
- इन्सुलिन कि सक्रियता बढ़ जाती है ।
- पैंक्रियास या अग्नाशय अच्छे से काम करने लगता है ।
- गुर्दों और लिवर से टॉक्सिन्स आसानी से निकल जाते हैं और वो साफ़ हो जाते हैं।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) बढ़ जाती है ।
- आंतें साफ़ हो जाती हैं
- कैंसर का खतरा कम हो जाता है
3. कब्ज़ या Constipation न होने दें (Enema का इस्तेमाल करें)
वास्तव में शुगर या मधुमेह की शुरुआत आंतों में चिकनाई जमने और लगातार अपच भोजन के जमा होने से होती है। यहाँ से फैट अब्सॉर्ब होकर लिवर पर जमा हो जाता है जिसको Fatty Liver Disease कहते हैं। और फिर ये शुगर के बढ़ने का कारण बनती है।
एनीमा कैसे करते हैं ?
आपको बड़ी आंत में जमा गंदगी को निकलने के लिए एनीमा की मदद लेनी होगी। इसे लिए आप सादा पानी इस्तेमाल करें या पानी में थोड़ा सा नमक दाल दें । एक एनीमा पॉट (बर्तन)बाज़ार से ले लें और उसमे लगे निशान तक पानी भरें और बर्तन को कुछ ऊंचाई पर रख दें । उलटे होकर लेट जाएँ और एनीमा में लगे पाइप का आखरी हिस्सा करीब 2 इंच अपनी गुदा (Rectum) में सरका दें।
धीर धीरे एनीमा पॉट का पानी आपकी बड़ी आंत में जाने लगेगा। जब बर्तन में पानी खत्म हो जाये तो करीब 5-7 मिनट तक लेटे रहें और फिर चहलकदमी करें। जब आपको प्रेशर आने लगे तो बाथरूम जाएँ और सारी गंदगी बहार निकल दें।
इस प्रिक्रया में करीब 10 मिनट का समय लगता है। इसको हमेशा सुबह के नेचुरल टॉयलेट के बाद करे और प्रतिदिन 3 हफ्ते तक एनीमा करें और उसके बाद हफ्ते में एक बार का नियम बना लें।
- ये बिलकुल सुरक्षित है
- इसमें कोई दर्द नहीं होता
- आसानी से घर में किय अजा सकता है
आपको ये मुश्किल लग रहा होगा लेकिन ये बहुत आसान है। एक बार शुरू करके तो देखे फिर देखिये कैसे आप ब्लड शुगर को बिना दवाई के दूर भगा सकते हैं।
4. भोजन का नियानुसार सेवन (डाइटिंग Dieting)
शुगर को ठीक करने के लिए भोजन का चुनाव एक अहम् मामला है। भोजन को चुनने में इन बातों का ध्यान रखें और नीचे दिए भोजनो का अधिक इस्तेमाल करें।
- Living Food – ताज़ा भोजन, हरी पत्तेदार सब्जियां ( डब्बाबंद भोजन न खाएं )
- Whole grain Food – ब्राउन चावल , चोकर सहित खाना ( मेदा, छिलका उतरे चावल और वाइट ब्रेड का प्रयोग न करें)
- Protein Rich Diet – अंकुरित दालें खाएं ( चिकना वसायुक्त, दूध के बने खाद्य पदार्थ, और मीट का प्रयोग न करें)
- Water and Liquids – ऐसे फल और सब्ज़ियां इस्तेमाल करें जिनमे पानी की मात्रा अधिक हो जैसे खीरा, ककड़ी इत्यादि
सुबह डेटॉक्स जूस
नियम नंबर 3 में बताये गए डिटॉक्स जूस का प्रयोग करे सुबह नाश्ते से पहले।
नाश्ता
नाश्ते में मौसमी फल का इस्तेमाल करें। ऐसे फल जो काम मीठे हों जैसे पपीता, अमरुद, सेब, नाशपाती इत्यादि। लेकिन ऐसे फल न खाएं जो मीठे हों जैसे आम चीकू केला इत्यादि
दोपहर का भोजन
दोपहर के भोजन में सलाद और सूप का प्रयोग करें। कम से कम 5 सामग्री सलाद में रखें । धनिया, टमाटर, नारियल गिरी के साथ कोई 2 सब्जिया जैसे चुकंदर, गाजर, खीरा या ककड़ी मिला लें।
अंकुरित दालें, भिगोय हुए बादाम और सब्ज़ियों का सूप इस्तेमाल करें। मिर्च मसाला न खाएं और चिकनाई और मीठे से दूरी बनाकर रखें।
रात का भोजन
रात के भोजन में सिर्फ कोई एक अनाज का प्रयोग करें। दिन में एक बार जब भी आप 16 घंटे के उपवास के बाद मुख्य भोजन करें।
सब्जियां ज़्यादा इस्तेमाल करें, 1 चपाती के साथ 2 कटोरी सब्ज़ी खाएं अगर आप 2 चपाती कहते हैं तो 4 कटोरी सब्ज़ी खाएं।
5. खेल कूद और व्यायाम Outdoor Exercise
अगर हम खेलकूद और व्यायाम से दूर रहते हैं तो पैंक्रियास की एक्टिविटी काम हो जाती है और इन्सुलिन कम बनता है। क्योंकि व्यायाम न करने से पैंक्रियास की और खून का सर्कुलेशन कम हो जाता है।
- कम से कम 30 मिनट रोजाना तेज कदमो से चलें या दौड़ लगाएं
- साइकिल चलाये
- खुले में व्यायाम करें
- धुप में समय बिताएं
- जिम में जाकर कम से कम एक घंटा एक्सरसाइज करें
निष्कर्ष
शुगर की बीमारी का इलाज बहुत आसान है और आपके हाथ में है। आप इन 5 स्टेप्स में शुगर की बीमारी को जड़ से खत्म करें। और नियमानुसार कम से कम 3 महीने सारे स्टेप्स को करते रहे। ऐसा करने से आप 100% अपने शुगर को ठीक कर पाएंगे। जो एक आजमाया हुआ तरीका और आयुर्वेदिक इलाज का तरीका है।
हम अगर सिर्फ अपने खाने पीने के तरीके को ठीक कर लें और अपने जीवन यापन को नियमित कर ले तो आप शुगर को बिना किसी दवाई के पूरी तरह ठीक कर पाएंगे। और न ही आपको किसी और प्रकार की दवाई या इन्सुलिन इंजेक्शन की आवश्यकता होगी।
धन्यवाद
डॉ मुशर्रफ हुसैन
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very good article for diabetic patients, great information