अगर आपने हाल ही में कैटरेक्ट (Cataract) यानि मोतियाबिंद की सर्जरी करवाई है, या आप इसके बारे में सोच रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए है। क्योंकि मोतियाबिंद (Cataract) सर्जरी होने वाली समस्याएँ आपको परेशां कर सकती हैं अगर आपने ध्यान नहीं दिया तो। हम सब कुछ आसान भाषा में इस लेख में समझाएंगे। मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद धुंधली दृष्टि (Blurred Vision), सूखी आँखें (Dry Eye), चमक और हलोज (Haloes), संक्रमण (Infection), पीसीओ (Posterior Capsule Ossification), और दृष्टि (Vision) में बदलाव जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। इन समस्याओं का समय पर इलाज करना महत्वपूर्ण है अन्यथा यह बड़े नुकसान का कारन बन सकती हैं।
कैटरेक्ट (Cataract) मोतियाबिंद सर्जरी क्या है?
कैटरेक्ट (Cataract) सर्जरी तब की जाती है जब आपकी आंखों का लेंस धुंधला हो जाता है। यह धुंधलापन उम्र बढ़ने के साथ होता है। अक्सर अपने देखा होगा की Cataract या मोतियाबिंद की सर्जरी बड़ी उम्र के लोगों में हो होती है। बहुत ही काम मामलो में काम उम्र के लोगों में कैटरेक्ट की समस्या होती है।
Cataract सर्जरी के दौरान, आपकी आंख से धुंधला लेंस (Lens) हटा दिया जाता है और उसकी जगह एक साफ कृत्रिम लेंस (Artificial Lenses) लगा दिया जाता है। यह सर्जरी आंख के सर्जन के द्वारा की जाती है जो एक बहुत ही सामान्य सर्जरी है। इस सर्जरी में मुश्किल से 10 मिनट का समय लगता है लेकिन सर्जरी से पहले की तैयारी और बाद की देखभाल बहुत ज़रूरी होती है।
मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद ज्यादातर लोगों को अच्छा रिजल्ट मिलता है। लेकिन, सर्जरी के बाद कुछ समस्याएँ हो सकती हैं। आइए जानते हैं कि वे कौन-कौन सी समस्याएँ हैं और उनसे बचाव के लिए आप क्या कर सकते हैं।
कैटरेक्ट (Cataract) मोतियाबिंद सर्जरी के बाद होने वाली Problems
मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद कुछ मरीज़ों में ये समस्याएं हो सकती हैं इसलिए आपको इनके बारे में जानना बहुत आवश्यक है जिससे आप समय रहते इनको पहचान सकें और उसका इलाज करा पाएं।
1. धुंधली दृष्टि (Blurry Vision)
सर्जरी के तुरंत बाद धुंधली दृष्टि आम बात है। यह कुछ दिन तक रह सकती है। आँख को ठीक होने में समय लगता है। समय के साथ साथ ये दुँधलापन काम होता जाता है और चार से पांच दिनों में आपको साफ़ दिखाई देने लगता है। धुंधलापन सामान्यत खुद ही ठीक हो जाता है लेकिनअगर धुंधलापन कुछ हफ्तों से अधिक समय तक रहे, तो यह गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है जैसे कि संक्रमण (Infection) या आँख के अंदर सूजन (Inflammation)।
अगर आपको इनमे से कोई भी दिक्कत लगे तो ऐसे में तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
2. सूखी आँखें (Dry Eyes)
Cataract (कैटरेक्ट) सर्जरी के बाद सूखी आँखें एक सामान्य समस्या हो सकती हैं। यह सर्जरी के कारण आँसू बनाने की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। जिससे आंख में आंसूं नहीं आते और ऑंखें ड्राई हो जाती हैं। डॉक्टर आपको लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स (Eye Drops) का इस्तेमाल करने की सलाह दे सकते हैं। इन ऑय ड्रॉप्स को समय पर डालते रहें, ध्यान रहे ऑय ड्राप की टिप को हाथ से न छुएं।
अगर आंख के अंदर सूखापन काम न हो और सूजन बनी रहती है तो अपने डॉक्टर से फ़ौरन सलाह लें।
3. आँखों में तेज़ चमक और हलोज (Glare and Halos)
कई बार मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद रात में रोशनी के चारों ओर चमक या हलोज दिखाई देना भी एक समस्या हो सकती है। यह कुछ कृत्रिम लेंस के साथ सामान्य बात है लेकिन इसको अनदेखा न करें।
नए लेंस के साथ आँखों का सामान्य (Adjust) होने में समय लग सकता है जो कई मरीजों में जल्दी हो जाता है कुछ मरीजों में समय भी लग सकता है। अगर आपको ये समस्या लगातार बनी रहती है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
4. आँखों में संक्रमण (Infection)
हालांकि कैटरेक्ट सर्जरी के बाद संक्रमण के चान्सेस कम होते हैं, लेकिन अगर संक्रमण (Infection) हो जाए तो यह गंभीर समस्या बन सकता है। संक्रमण के लक्षणों में तेज दर्द, आँखों में लालिमा, या अंकों से डिस्चार्ज यानि पानी आना शामिल हो सकते हैं। इन लक्षणों के होने पर तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
5. पोस्टेरियर कैप्सूल ओपेसिफिकेशन (PCO)
इसे ‘सेकंडरी कैटरेक्ट’ भी कहते हैं। इसमें लेंस के पीछे की पतली झिल्ली समय के साथ धुंधली हो जाती है। अगर सर्जरी के कुछ महीने या सालों बाद आपकी नजर धुंधली हो जाए, तो यह PCO हो सकता है। इसे एक सरल लेजर प्रक्रिया से ठीक किया जा सकता है।
6. दृष्टि में बदलाव (Change in Vision)
सर्जरी के बाद आपकी दृष्टि में थोड़ा बहुत बदलाव आ सकता है। फोकस में बदलाव या नई चश्मे की जरूरत हो सकती है। यह सब आपकी आँखों के ठीक होने की प्रक्रिया का हिस्सा है। अगर समस्याएँ लगातार बनी रहती हैं, तो डॉक्टर से फॉलो-अप जरूर करें।
सही और तेज़ रिकवरी के लिए टिप्स
1. डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें: सर्जरी के बाद जो भी आपको डॉक्टर ने सलाह दी है उसको अच्छी तरह से पालन करें। समय पर दवाइयां लें और ऑय ड्रॉप्स का बताये हुए नियम के अनुसार ही प्रयोग करे। बाकि अन्य सलाह का भी ध्यान रखें।
2. आँखों को सूखा रखें: आँखों में पानी बिलकुल न जाने दें, शुरू के एक हफ्ते अपने चहेरे को पानी से न धोये सिर्फ किसी टिश्यू पेपर से या गीले कपडे से आँखों को बचते हुए साफ़ करें। आँखों को न रगड़े नहीं इससे दिक्कत बढ़ सकती है।
3. दवाइयाँ समय पर लें: दवाइयों की खुराक न भूलें, बताये हुए समानुसारhi दवाइयां लें। आंख में डालने वाली दवाइयां जिस तरीके से बताई गयी हैं वैसे ही डालें, अपनी मर्जी से कोई भी बदलाव न करें।
4. भारी काम से बचें: शुरू के एक हफ्ता पूरी तरह से आराम करें, कुछ हफ्तों के लिए भारी वजन उठाने से बचें।
5. आई शील्ड पहनें: अपनी आँखों की सुरक्षा के लिए आई शील्ड जरूर पहनें। इससे अंकों में इन्फेक्शनse बचाव होता है। रात को सोते समय ऑय शील्ड ज़रूर पहनें क्यूंकि नींद में आपका खुद का हाथ आँखों पर जा सकता है।
6. नियमित फॉलो-अप: अपने डॉक्टर के साथ सर्जरी के बाद नियमित रूप से जांच करवाते रहें।
अगर आपको किसी भी प्रकार की चिंता हो या असामान्य लक्षण महसूस हों, तो अपने आँखों के डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। जल्दी से जांच करवाना हमेशा बेहतर होता है।
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