Breast Cancer

मैमोग्राफी टेस्ट कैसे होता है | Mammography Test in Hindi | ब्रैस्ट कैंसर के लक्षण

ब्रैस्ट कैंसर के डायग्नोसिस के लिए मैमोग्राफी टेस्ट एक सबसे सस्ती और सटीक जाँच है। मैमोग्राफी टेस्ट की अहमियत को समझने के लिए पहले जान लेते हैं ब्रैस्ट कैंसर का लक्षणों के बारे में। ब्रैस्ट कैंसर की समय पर न पता लगने के कारण दुनियाभर में बहुत सी महिलाओं की जान चली जाती है। यदि ब्रैस्ट कैंसर को समय रहते जाँच लिया जाये या उसका पता लगा लिया जाये तो इलाज आसान हो जाता है।

ब्रैस्ट कैंसर (Breast Cancer) का पता इसके लक्षणों के आधार पर भी लगाया जा सकता है। यदि आप को इनमे से कोई भी लक्षण आता है तो इसको अनदेखा न करें और फ़ौरन अपने डॉक्टर की सलाह लें। डॉक्टर आपको कुछ जांचे करने की सलाह देंगे जैसे खून की जाँच, अल्ट्रासाउंड और दूसरी जांचें जिसमे मैमोग्राफी टेस्ट भी एक प्रमुख जांच होती है।

यह भी पढ़ें: उपवास और शुगर का इलाज 

ब्रैस्ट कैंसर के लक्षण

  • यदि आपको अपनी छाती में गांठ महसूस हो और उसमे दर्द भी न हो तो इसको बिलकुल भी अनदेखा न करें। बिना दर्द की छाती की गांठ कैंसर का पहला लक्षण हो सकती है। गांठ होने पर इसका गहन परिक्षण करना ज़रूरी हो जाता है।
  • आपकी छाती से किसी भी प्रकार का रिसाव होता है तो इसको भी अनदेखा न करें। यह रिसाव खून या मवाद के तौर पर हो सकता है। अगर निप्पल से खून आता है तो यह छाती के कैंसर का दूसरा बड़ा लक्षण होता है।
  • छाती की चमड़ी का मोटा और सख्त होना (Thickening of breast Skin)
  • आपकी छाती में दाने निकलना या गढ्ढा (Dimpling) जैसा महसूस होना
  • बगल के नीचे गांठें होना (Axillary Lymphnodes)
  • छाती के साइज का छोटा या बड़ा हो जाना (Changes in Breast Size)
  • निप्पल का उल्टा हो जाना यानि निप्पल में गढ्ढा हो जाना (Retraction of Nipple)

छाती की जांच खुद से कैसे करें? (Breast Self Examination)

  • ब्रैस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन करते समय छाती के लुक और फील में बदलाव पर ध्यान दें
  • हमेशा एक साइड की ब्रैस्ट का दूसरे साइड की ब्रेस्ट से तुलना करें
  • अगर दोनों  स्तनों से कोई अंतर, या दोनों या एक छाती में गांठ है तो उसको महसूस करें
  • कम से कम दो महीने में एक बार मासिक धर्म के 5वें दिन के बाद ब्रैस्ट की खुद से जाँच करना सही समय माना जाता है।
  • अगर महीना नहीं आता है तो महीने की कोई एक तारीख तय कर ले और हर महीने उसी तारिख पर छाती की खुद से जाँच करें

breast self examination

छाती के जांच करने का तरीका

  • बाएं हाथ से दायीं और और दाहिने हाथ से बायीं और की छाती की जाँच करें
  • अंगूठे और उँगलियों के बीच छतो को दबा कर कभी भी जाँच न करें
  • अपने हाथ की तीन उँगलियों से दबा दबा कर गांठ महसूस करें, और उँगलियों को वृत्ताकार (Circular) तरीके से या ऊपर से नीचे या नीचे से ऊपर दबा दबाकर जाँच करें।
  • नहाते समय शीशे में देखकर जांच करना अच्छा तरीका माना जाता है। शीशे में आप छाती के साइज और आकर को आसानी से देखकर या पता लगा सकते हैं की कोई अंतर् तो नहीं है।
  • अगर आप खुद से जाँच नहीं कर सकती हैं तो अपने डॉक्टर से रेगुलर जाँच कराएं
  • 25-35 साल की उम्र तक कम से कम 3 साल में अपने डॉक्टर से ज़रूर जाँच कराएं
  • 35 साल के बाद हर साल आपको अपने डॉक्टर से कम से कम एक बार अवश्य जाँच करनी चाहिए

मैमोग्राफी टेस्ट कैसे करते हैं ?

करीब 40 साल की उम्र के बाद मैमोग्राफी टेस्ट करना शुरू कर देना चाहिए और हर साल एक बार मैमोग्राफी टेस्ट ज़रूर कराएं। ध्यान रखें की मैमोग्राफी टेस्ट मासिकधर्म के पांचवें दिन के बाद ही कराएं। क्योंकि मासिकधर्म के समय छातिओं में दर्द होता है और इससे आपको टेस्ट करने में भी दर्द होता है।

एक सवाल बहुत से मरीज़ों के मन में आता है की क्या बार बार मैमोग्राफी (छाती का X-Ray) करने से रेडिएशन से होने वाले कैंसर का खतरा और अधिक बढ़ जाता है। यह केवल एक मिथ्य है और ऐसा नहीं है क्योंकि मैमोग्राफी के समय जो रेडिएशन होता है उसकी मात्रा काफी काम होती है और उससे कैंसर नहीं होता।

एक बात का और ध्यान रखें जब भी आप अपने डॉक्टर से मिलने जाएँ या अगली बार मैमोग्राफी टेस्ट कराएं तो पुरानी जाँच रिपोर्ट भी साथ ले कर जाएँ।

छाती के कैंसर के लिए अन्य जांचें

  • CBC (खून की जाँच )
  • छाती का अल्ट्रासाउंड
  • मैमोग्राफी (Mammography)
  • PET  CT

Discover more from Swasth Gyan

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Discover more from Swasth Gyan

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading