हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन एक लाइफ स्टाइल डिजीज है। हम बहुत सारी ऐसी बिमारियों से घिरे हुए हैं जो हमारे खान पान और जीवन शैली से सम्बंधित हैं। दुनियां में सबसे अधिक मौतें जीवन शैली से सम्बंधित बीमीरियों या लाइफ स्टाइल बीमारियों के कारण होती हैं। और सबसे बड़ी बात ये है की इन बीमारियों का कण्ट्रोल सिर्फ हमारे हाथों में है। इस लेख में हम चर्चा करेंगे हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए ख़राब भोजन और उससे होने वाले नुकसान के बारे में।
ब्लड प्रेशर के बढ़ने के लिए ज़िम्मेदर कौन?
व्यायाम की कमी और अधिक कैलोरी वाले भोजन का सेवन इस सबके लिए ज़िम्मेदार हैं। हाई ब्लड प्रेशर इन बीमारियों की सूची में सबसे ऊपर है। इसके साथ-साथ मोटापा यानि OBESITY, ब्लड शुगर (Diabetes), हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी बीमरियां भी इसी से सम्बंधित हैं।
हम यहाँ ऐसे घातक खाने वाली चीज़ो या भोजनों के बारे में बात करेंगे जो ब्लड प्रेशर को खतरनाक लेवल तक बढ़ा देते हैं। ऐसे भोजन और खाद्य पदार्थों को हम हाई ब्लड प्रेशर के मरीज़ों के लिए 10 सबसे ख़राब भोजन की केटेगरी में रखते हैं।
दुनियां में दो तरह के लोग होते हैं। एक जो जीने के लिए खाते है और दूसरे जो खाने के लिए जीते हैं। जो जीने के लिए खाते हैं उन सब से ये बीमारियां बहुत दूर रहती हैं। लेकिन जो खाने के लिए जीते हैं उन सब से इन बीमारयों का काफी नज़दीकी नाता रहता है।
अब फैसला आपके हाथ है की आप किस ऑप्शन को चुनना चाहते हैं। क्या आप एक स्वास्थ्य जीवन अपनाना चाहते हैं ? या अपनी दिन रात मेहनत से की गयी कमाई को अस्पतालों में इन बीमारयों के इलाज पर खर्च करना कहते हैं।
सच्चाई ये है की हम खुद अपने आपके दुश्मन हैं। हम व्यायाम से दूरी बनाकर रखते हैं और अपने खाने पीने पर ध्यान नहीं रखते। जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है, ब्लड शुगर का भी खतरा बढ़ जाता है। अगर हम रेगुलर व्यायाम करते हैं और कम कैलोरी और कम चिकनाई वाला भोजन करते हैं तो काफी हद तक हम ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक जैसी बीमारियों से अपने आपको बचा कर रख सकते हैं।
हाई बीपी के बहुत सा कारण हो सकते हैं। लेकिन यहाँ हम हाई ब्लड प्रेशर मरीजों के लिए 10 सबसे ख़राब भोजन के बारे में बात करेंगे। और जानेंगे कि भोजन किस तरह से हमारे शरीर को प्रभावित करते हैं और ये ब्लड प्रेशर को कैसे बढ़ने में सहायक होते हैं ?
हाइपरटेंशन के मरीजों के लिए ऐसे भोजन की सूची जो हाई ब्लड प्रेशर मरीजों को भूल कर भी नहीं खाना चाइये।
नीचे सूचीबद्ध किय गए खाद्य पदार्थ हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए ख़राब भोजन की श्रेणी में आते हैं।
- एनिमल फैट एवं अधिक वसायुक्त भोजन (High Fatty Food)
- रेड मीट (बीफ, पोर्क, लैम्ब)
- रिफाइंड शुगर
- नमक की अधिक मात्रा
- डब्बा बंद भोजन
- प्रॉसेस्ड चीज़ (Processed Cheeses)
- बोतल बंद सूप
- सोडा युक्त कोल्ड ड्रिंक्स
- शराब का अधिक सेवन
- भोजन में अधिक कैफीन की मात्रा
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एनिमल फैट (पशु वसा) एवं अधिक वसायुक्त भोजन (High Fatty Food)
हमारे शरीर को ठीक से काम करने के लिए फैट हमारे भोजन का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। फैट भोजन के साथ खाये जाने वाले अन्य पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदद करता है। फिर भी हम फैट को हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए ख़राब भोजन की श्रेणी में क्यों रखते हैं ?
मुख्यता हमारे भोजन में दो तरह के फैट होते हैं।
- Saturated Fat(संतृप्त वसा)
- Unsaturated Fat (असंतृप्त वसा)
एनिमल फैट एक तरह का सैचुरेटेड फैट है, और हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने में मदद करता है। जिसे ब्लड प्रेशर के लिए काफी ख़राब मन जाता है। सैचुरेटेड फैट हमारे लिवर में जाकर कोलेस्ट्रॉल में बदल जाता है। जो लोग अधिक मात्रा में फैटी फूड्स और एनिमल फैट का प्रयोग करते हैं उनके रक्त में कोलेस्ट्रॉल का लेवल काफी जल्दी बढ़ जाता है।
अधिक मात्रा में कोलेस्ट्रॉल आर्टरीज (धमनियों) में जमा होकर उनको संकुचित कर देता है। जब आर्टरीज ये धमनिया संकुचित होने लगती हैं तो धमनियों में रक्त का प्रेशर बढ़ने लगता है। हाई ब्लड प्रेशर स्ट्रोक और हार्ट अटैक का कारण भी बनता है। हाई ब्लड प्रेशर एवं हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल्स एक साथ मिल कर खतरे को और अधिक बढ़ा देते हैं। ये रक्त चाप यानि ब्लड प्रेशर को बढ़ने में एक उत्प्रेरक या कैटलिस्ट का काम करता है।
इसके कारण धमनियों में अथेरोस्क्लेरोसिस का खतरा और अधिक हो जाता है। अथेरोस्क्लेरोसिस को धमनियों की भीतरी दीवारों पर वसायुक्त सामग्री यानि कोइलस्ट्रोल के जमाव के रूप में प्रिंहसहित किया जा सकता है। और अगर आप मधुमेह (ब्लड शुगर) के मरीज़ हैं और साथ में धूम्रपान भी करता हैं तो ब्लड प्रेशर के बढ़ने का खतरा बहुत अधिक हो जाता है।
हाई ब्लड प्रेशर को कण्ट्रोल करने के लिए आपको अपने फैट के सेवन पर नज़र रखनी चाहिए। सैचुरेटेड फैट की मात्रा 30 ग्राम प्रतिदिन तक अनुशंषित है और हमारे शरीर की आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक होता है।
रेड मीट (बीफ, पोर्क, लैम्ब) हाई ब्लड प्रेशर के लिए घातक
रेड मीट पशु प्रोटीन का एक अच्छा श्रोत है जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही आवश्यक है। लेकिन सवाल ये है की रेड मीट से ब्लड प्रेशर क्यों बढ़ जाता है ? दरअसल जब आंतों में रेड मीट का मेटाबोलिज्म होता है तो इससे एक पदार्थ बनता है जिसको trimethylamine-N-Oxide (TAMO) के नाम से जाना जाता है। TAMO को ब्लड प्रेशर बढ़ने के लिए सहायक माना जाता है और यही कारण है की रेड मीट खाने वालों को ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है।
इसके अलावा जो लोग रेड मीट कहते हैं उनके हार्ट के वेंट्रिकल्स कठोर हो जाते हैं जो ब्लड प्रेशर बढ़ने का कारण बनते हैं। यही कारण ही की रेड मीट को हाई ब्लड प्रेशर के मरीज़ों के लिए ख़राब भोजन की केटेगरी में रखा गया है।
रेड मीट के मुकाबले सी फ़ूड यानि मछली का सेवन हार्ट और ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए काफी अच्छा मन जाता है।
रिफाइंड शुगर (चीनी) एक घातक भोजन
सारा हिन्दुस्तान देसी श्रोत से बने शक्कर, गुड़ इत्यादि को भूल कर प्रतिदिन चाय की चुस्की के साथ रिफाइंड शुगर या चीनी का आनद लेता है। रिफाइंड शुगर को केमिकल प्रेसिंग के द्वारा बनाया जाता है। जो हमारे और आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही खतरना है। नमक को ब्लड प्रेशर के लिए काफी खराबा मन जाता है लेकिंग कुछ नए रिसर्च और शोध कार्यों के अनुसार चीनी (Refined Sugar) नमक से भी अधिक नुकसानदेह है ब्लड प्रेशर के मरीज़ों के लिए।
अधिक मात्रा में शुगर लेने से खून में इन्सुलिन का स्तर बढ़ जाता है और इन्सुलिन की सेन्सिटिवटी भी काम हो जाती है। इन्सुलिन का अधिक स्तर ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने वाले रिसेप्टर्स की संविदानशीलता को भी काम कर देता है। जिस के कारण खून जाने वाली धमनिया या आर्टरीज सिकुड़ने लगती हैं और ब्लड प्रेशर और अधिक बढ़ने लगता है।
एक रिसर्च के अनुसार रोगियों के एक ग्रुप पर एक अध्यन किया गया जिसमे एक ग्रुप को अधिक शुगर वाला भोजन और दुसरे को अधिक नमक वाल अभोजन दिया गया।
शोध के 15 दिनों के बाद जो रिजल्ट मिला वो चोकने वाला था।
- जिस ग्रुप को अधिक शुगर वाला भोजन दिया गया था उनमे सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर में 7mmHg और डायास्टोलिक ब्लड प्रेशर में 5mmHg ब्लड प्रेशर की बढ़त देखी गयी.
- दूसरी और जिस ग्रुप को अधिक नमक वाला भोजन दिया गया था। उनमे सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर में 4mmHg और डायास्टोलिक ब्लड प्रेशर में 2mmHg ब्लड प्रेशर की बढ़त देखी गयी।
रिफाइंड शुगर को हाई ब्लूड प्रेशर मरीजों के लिए ख़राब भोजन के श्रेणी में रखा गया है। ये सलाह दी जाती है की अगर आप हाई ब्लड प्रेशर के मरीज़ हैं तो आपको हाई शुगर एवं हाई साल्ट यानि नमक दोनों ही प्रकार के भोजनो पर नज़र रखना चाहिए। अपने ब्लड प्रेशर को कण्ट्रोल रखने के लिए इस प्रकार के भोजन का कम से कम इस्तेमाल करना चाहिए।
डब्बा बंद भोजन भी खतरनाक है ह्यपरटेशन के मरीज़ों के लिए
हाई ब्लड प्रेशर वाले मरीज़ों के लिए डिब्बाबंद उत्पाद एक बड़ी समस्या है। डब्बा बंद भोजन यानि पैक्ड प्रोसेस्ड फ़ूड आसानी से उपलब्ध भोजन है। लेकिन ये स्वास्थ्य के लिए भी उतना ही खतरनाक है। इसलिए इसको हाई ब्लड प्रेशर के मरीज़ों के लिए 10 ख़राब भोजन की केटेगरी में रखा गया है। हालाँकि अधिकतर पैक्ड फ़ूड में थोड़ी बहुत प्रोसेसिंग तो होती ही है लेकिंग इसका खतरनाक होना या न होना इसके प्रोएससिंग के प्रकार पर निर्भर करता है।
केमिकल या रासायनिक प्रोसेसिंग को मकेनिकल प्रोसेसिंग के मुकाबले अधिक घातक माना गया है। रासायनिक रूप से किये गए प्रोसेसिंग को अल्ट्रा प्रोसेसिंग के नाम से भी जाना जाता है।
केमिकल या रासायनिक ढंग से प्रोसेस्ड डब्बा बंद चीज़ों के कुछ उदाहरण:
- सोडा और मीठे सॉफ्ट ड्रिंक्स
- पिज़्ज़ा और बर्गर
- पेस्ट्री और केक जैसे बेक किये गए सामान
- फ्रोजेन फ़ूड और तैयार रखे भोजन
- पैकेज्ड ब्रेड्स
- नूडल्स एंड चिप्स
- आइस क्रीम और मीठी कैंडिस
प्रॉसेस्ड चीज़ (Processed Cheeses)
प्रोसेस्ड चीज़ में कोलेस्ट्रॉल, फैट, और नमक की मात्रा बहुत अधिक होती है। प्रोसेस्ड चीज़ अधिक खाने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है और हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है। प्रोसेस्ड चीज़ डेयरी प्रोडक्ट्स यानि दूध से बने प्रोडक्ट्स (जो बिना केमिकल प्रोसेसिंग के द्वारा बनाये गए हों) अधिक हानिकारक होते हैं। इसलिए इनको ब्लड प्रेशर बढ़ने वाले खराब भोजन की श्रेणी में रखा गया है।
उदाहरण के लिए 100 ग्राम प्रोसेस्ड चीज़ में करीब 1400 मिलीग्राम सोडियम (नमक) होता है जबकि प्राकृतिक डेयरी उत्पाद के 100 ग्राम पनीर या चीज़ में लगभग 650 मिलीग्राम सोडियम होता है।
चीज़ में पायी जाने वाली फैट या वासा आर्टरीज (धमनियों) में कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है, और सोडियम या नमक की अधिक मात्रा गुर्दों पर असर करके ब्लड प्रेशर को बढ़ता है।
बोतल बंद सूप और पीने वाले पदार्थ
जितने भी डब्बा बंद सूप या पीने वाले प्रोडक्ट्स होते हैं उनमे भी नमक की मात्रा अधिक होती है। जो हाई ब्लड प्रेशर वाले मरीज़ों के लिए बड़ी समस्या है। डब्बा बंद टमाटर का सूप, वेजिटेबल सूप और पास्ता सॉस की एक सर्विंग में लगभग 100 से 200 मिलीग्राम नमक या सोडियम की मात्रा होती है। नमक की अधिक मात्रा ब्लड प्रेशर को बहुत तेजी से बढ़ने में सहायक होती है।
दूसरी और ताज़ा टमाटर या घर पर बनाया गया काम नमक का सूप सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। लेकिन इसमें भी अगर नमक की मात्रा अधिक हो तो ब्लड प्रेशर के मरिज़्ज़ों के लिए हानिकारक साबित होगा।
सोडा युक्त कोल्ड ड्रिंक्स
अधिक मात्रा में कॉर्बोनेटेड या सोडा युक्त कोल्ड ड्रिंक्स और जूस पीने से ब्लड शुगर बढ़ने का खतरा काफी अधिक होता है। एक 20 साल के जवान उम्र लोगों के ग्रुप पर 15 दिनों तक एक स्टडी की गयी। इस स्टडी में एक ग्रुप को सोडा एक्ट कोल्ड ड्रिंक्स पिलाई गयीं। ओर दुसरे ग्रुप को सादा फ्रूट जूस या बिना सोडा वाले कोल्ड ड्रंकस पिलाई गयीं।
15 दिनों के बाद ये पाया गया को जिन लोगों ने सोडा युक्त कोल्ड ड्रिंक्स पिया था उनका ब्लड प्रेशर अधिक पाया गया उस ग्रुप के मुकाबले जिसने फ्रूट जूस या सादा जूस पिया था।
क्या कभी आपने ये सोचा है को हमर मन बार बार सोडा युक्त कोल्ड ड्रिंक्स पीने को क्यों लालायित रहता है ? इसका कारण ये है कि जब भी हम कॉर्बोनेटेड कोल्ड ड्रिंक पीते तब कुछ न्यूरोट्रांस्मीटर जैसे कि डोपामाइन और ग्लूटामेट हमारे ब्रेन के रिवॉर्ड सेंटर में रिलीज़ होते हैं।
सोडायुक्त कोल्ड ड्रिंक्स हमारे ब्रेन के रिवॉर्ड सेंटर को सक्रिय करने में मदद करते हैं। और हमारे ब्रेन को फिर से उसी स्वाद को चखने के लिए तैयार कर लेते हैं। इसलिए हम बार बार सोडायुक्त पाय पदार्थों को पीने के लिए आसानी से तैयार हो जाते हैं।
शराब का अधिक मात्रा में सेवन करना
ये सच्चाई है कि अधिक मात्रा में शराब का सेवन करने से ब्लड प्रेशर बहुत तेजी से बढ़ता है। एक दिन में 3 से अधिक पैग पीना ब्लड प्रेशर बढ़ने के लिए काफी है। शराब पीने से बढ़ा ब्लड प्रेशर कुछ दिन के लिए यानि शार्ट टर्म हो सकता है या लॉन्ग टर्म यानि काफी लम्बे दिनों तक एक बीमारी के रूप में बदल सकता है।
हालाँकि अधिक मात्रा में शराब पीने वालो को होने वाला ब्लड प्रेशर लॉन्ग टर्म ही होता है। या शार्ट टर्म ब्लड प्रेशर को लम्बी बीमारी वाले ब्लड प्रेशर में बदल देता है।
ये सलाह दी जाती है कि पुरुष शराब के अधिकतम 2 पैग ही एक दिन में लें और महिलाये 1 पैग प्रतिदिन। इससे अधिक मात्रा में ली गयी शराब ब्लड प्रेशर के बढ़ने का कारण बन सकती है। ऐसा करने से आपके हार्ट और किडनी दोनों सवास्थ्य रहेंगे।
भोजन में अधिक कैफीन की मात्रा
ये हमेशा से एक चर्चा का विषय रहा है कि कॉफी पीना हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा है ये बुरा। ये सिद्ध हो चूका है कि कॉफी पीने से सीधे ब्लड प्रेशर बढ़ा सकता है हालाँकि आप ब्लूडप्रेससुरे के मरीज नहीं हैं तब भी। आप लोगों ने ये ज़रूर देखा होगा कि जब कभी किसी मरीज़ का ब्लड प्रेशर कम हो जाता है तो डॉक्टर उसको कॉफी पीने की सलाह देता है।
इसका यही कारण है की एक कप कॉफी 6mmHg तक ब्लड प्रेशर बढ़ा सकती है । एक और बात जो आपको जननी चाहिए वो ये है की जो लोग लगातार कॉफी पीते हैं उनमे एकदम से कॉफी पीने से ब्लड प्रेशर नहीं बढ़ता बल्कि उन लोगों में जल्दी ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है जो कभी कभी कॉफी पीते हैं।
इसलिए अगर आप ब्लड प्रेशर के मरीज़ हैं तो कॉफी पीने को लेकर अपने डॉक्टर की सलाह ज़रूर ले।
ब्लड प्रेशर के मरीज़ों के लिए कौन सा भोजन अच्छा है
हाई ब्लड प्रेशर के मरीज़ों के लिए फल काफी फायदेमंद होते हैं। कुछ उदाहरण यहाँ सूचीबद्ध किये गए हैं।
- संतरा, नीबू और अंगूर जैसे फल
- अनार, सेब
- कद्दू और कद्दू के बीज
- पिस्ता
- जामुन
- खरबूजा
- दाल और बीन्स
- हरे पत्तेदार सब्ज़ियां
- खुबानी
- पिस्ता
- काम नमक और काम चकनाई वाला भोजन
निष्कर्ष
अपने ह्रदय को स्वास्थ्य रखने और ब्लड प्रेशर को कण्ट्रोल रखना सबसे ज्यादा ज़रूरी है। हमें ऐसे सभी भोजनों से बचना चाइये जो ऊपर हाई ब्लड प्रेशर के मरीज़ों के लिए खराब भोजन बताये गए हैं। आप हमेशा अच्छे, कम फैट वाले और कम नमक वाले भोजन का चुनाव करें, इससे आपका ब्लड प्रेशर कण्ट्रोल रहेगा।
उसके अलावा नियमित वयायाम और कार्डियक वर्कअप भी आपके ब्लड प्रेशर को काम करने में सहायक होते हैं।
अगर ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहेगा तो हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी बीमारी का खतरा भी काम हो जायेगा।
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Right information sir
Bagut hi achhi jankari hai blood pressure ke mareezon ke loye
Very well written, बहुत ही सरल और असान भाषा मे लिखा गया है और जानकारी भी बहुत उम्दा है
Bahut acha article hai puri jankaari ke saath. 👍👍
Bahut accha article hai, thank you