बवासीर जिसे अंग्रेजी में पाइल्स या Hemorrhoids कहते हैं बहुत ही कॉमन समस्या है। बवासीर का इलाज क्या है मरीज खुद से ही इसका इलाज ढूंढ़ते रहते हैं। मरीज इस बीमारी को बताते हुए शरमाते हैं और ये बीमारी बढ़ती जाती है। मैंने अपने यूट्यूब चैनल पर इस टॉपिक पर बहुत पहलek विद्ये बनाया तहत जिसपर आठ लाख व्यूज आये और बहुत से लोगों ने कमेंट भी किये। परन्तु 50% से अधिक लोगों के लिए ये परेशानी की बात थी की ताज़ा गन्ने का रास कहाँ से मिलेगा और इसी प्रकार ताज़ा अंजीर एक फल मिलना भी मुश्किल है।
अधिकतर लोगों का एक ही कमेंट था कि ताजा गन्ने का रस मिलना मुश्किल होता है और अंजीर का फल तो मिलता ही नहीं है। तो क्या सूखा अंजीर इस्तेमाल कर सकते हैं? इस लेख में मैंने आपके इस सवाल के समाधान के लिए कुछ विकल्प दिए हैं जो पाइल्स के इलाज के लिए बहुत ही लाभकारी हैं।
आप गन्ने का रास और अंजीर तो इस्तेमाल कर ही सकते हैं लेकिन ये दवाइयां भी आपको वैसा ही फायदा देंगी लेकिन इससे पहले मैं आपको इस सब के बारे में बताऊँ, पहले आपको पाइल्स के बारे में समझा देता हूँ।
बवासीर (Piles) के लक्षण
बवासीर या पाइल्स एक आम समस्या है, लेकिन लोग इसे समझने में भ्रमित रहते हैं। कई बार लोग Anal Fissure को ही बवासीर समझने लगते हैं जबकि ये दोनों अलग बीमारियां हैं। बवासीर में गुदाद्वार के आस-पास सूजन होती है मल में खून आता है ये मामूली दर्द के साथ हो सकता है लेकिन Anal Fissure में खून बहुत तेज़ दर्द के साथ आता है।पाइल्स की बीमारी के मुख्य लक्षण होते हैं।
- गुदा द्वार के आस पास खुजली होना
- कुछ चिपचिपा महसूस होना
- मल के साथ खून का आना
- गुदा द्वार के ऊपर सूजन या उभार जैसा महसूस होना
ये लक्षण बीमारी की तीव्रता और severity पर निर्भर करते हैं। और इसी आधार पर बीमारी के प्रकार और इसकी ग्रेड होती हैं।
बवासीर और उसके प्रकार
Hemorrhoids के लक्षणों में गुदा द्वार में खुजली, चिपचिपा महसूस होना और मल त्याग के दौरान खून आना शामिल हैं। अगर खून आता है तो इसे खूनी बवासीर कहा जाता है और अगर नहीं आता है तो इसे बादी बवासीर कहा जाता है।
बवासीर के दो मुख्य प्रकार होते हैं
आंतरिक बवासीर (Internal Hemorrhoids)
ये गुदा के अंदर होती है और आमतौर पर दिखाई नहीं देती। ये असुविधा का कारण नहीं बनती लेकिन मल त्याग के दौरान खून आ सकता है।
बाहरी बवासीर (External Hemorrhoids)
ये गुदा के बाहर होती है और दर्दनाक और खुजलीदार हो सकती है। कभी-कभी इसमें खून भी आता है और थ्रोम्बोस्ड बवासीर (थक्का बनना) हो सकता है, जो बेहद दर्दनाक होता है।
बवासीर की चार ग्रेड होती हैं
ग्रेड 1: ये सबसे हल्का प्रकार है, जो गुदा के अंदर छोटे उभार के रूप में होता है। इनमें से कभी-कभी खून आ सकता है लेकिन ये बाहर नहीं निकलती।
ग्रेड 2: ये बड़ी होती है और मल त्याग के दौरान गुदा के बाहर आ सकती है लेकिन स्वयं ही वापस चली जाती है।
ग्रेड 3: ये गुदा के बाहर निकलती है और इसे हाथ से वापस अंदर धकेला जा सकता है।
ग्रेड 4: ये सबसे गंभीर प्रकार है, जो गुदा के बाहर स्थायी रूप से निकलती है और इसे वापस अंदर नहीं धकेला जा सकता।
बवासीर का सरल और प्रभावी इलाज
जिन लोगों को ताजा गन्ने का रस और ताजे अंजीर मिलना मुश्किल होता है, उनके लिए सूखे अंजीर का विकल्प है। इसके अलावा, मैं आपके लिए एक रेडीमेड देसी इलाज लेकर आया हूं, जिसे आप आसानी से ऑनलाइन प्लेटफार्म्स पर पा सकते हैं। ये तीन आयुर्वेदिक दवाओं का संयोजन है।
1. Livcon Capsule
2. Pymol Capsule
3. Manulex Churna
ये दवाएं निशोथ की जड़, त्रिफला, सन्नालिफ, अजवाइन के बीज और इसबगोल की भूसी के शुद्ध अर्क से बनी हैं। ये बवासीर को नियंत्रित करने में मदद करती हैं, कब्ज को कम करती हैं और आंतरिक और बाहरी दोनों प्रकार की बवासीर में प्रभावी हैं। इनका उपयोग करना भी आसान है।
बवासीर की दवाइयों को कैसे लें?
LIVCON CAPSULE 2 कैप्सूल खाने से 15-20 मिनट पहले दिन में दो बार।
PYMOL CAPSULE 2 कैप्सूल दिन में दो बार खाने के बाद।
MANULAX CHURNA एक छोटा चम्मच दिन में दो बार खाने के बाद।
इन्हें एक महीने तक नियमित रूप से लें। आप देखेंगे कि इससे आपको अद्भुत लाभ मिलेंगे। बस ध्यान रखें कि कब्ज न होने दें। इसलिए दवाई के साथ-साथ परहेज भी उतना ही जरूरी है। तले हुए भोजन, ऑयली और तेज मसालेदार भोजन से बचें। अधिक फाइबर वाला भोजन करें और हरी सब्जियों और फलों का अधिक सेवन करें।
बवासीर एक आम समस्या है, लेकिन इसके इलाज के कई सरल और प्रभावी उपाय हैं। सूखे अंजीर का उपयोग और आयुर्वेदिक दवाओं का संयोजन बवासीर को नियंत्रित करने में मदद करता है। सही उपचार और परहेज के साथ, आप इस समस्या से राहत पा सकते हैं और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
Discover more from Swasth Gyan
Subscribe to get the latest posts sent to your email.